Usha sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -17-Jul-2023

शीर्षक :तेरे आने से


अल्हड़पन की पगडंडियाँ पे बढ़ रहे थे कदम, 
दिल में एक आहट थी, जो दूर कहीं से आती। 

बेवजह बैठे उन तन्हा पलों में मुस्काते अक्सर, 
अनजाने एक चेहरे की छवि जहन में उभरती। 

तेरे आने की उम्मीद किरण से हुआ था सवेरा, 
कितने ही शब ए इंतिज़ार आँखों में थी बीतीं। 

किस्मत से कहे या कहे खूबसूरत थे ये संजोग, 
तुमसे मिलकर मानों सोयी तकदीर थी जीती। 

हाथों में हाथ अब हमारे सनम जो थे हो गए, 
मैं तुम से हम बन, जिंदगी खूबसूरत थी लगती। 

सुनहरे साथ को गूंथने आई थी मिलन की बेला, 
खुशियों की रोशनी दिलों में हमारे झिलमिलाती। 

हम रिश्ते की बंधी खूबसूरत जीवन डोर हो गए, 
अनजानी मुलाक़ात अब आबाद गुलिस्तां कहलाती
© उषा शर्मा ✍️ 

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3 Comments

Punam verma

18-Jul-2023 08:45 AM

Very nice

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खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Milind salve

18-Jul-2023 12:14 AM

Nice one

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